हम उस देश में रहते हैं जहां भारत को भारतमाता कहा जाता है ,
और आज उसी देश में हमारी मां बहनों और बेटियों की इज्जत को सिर्फ एक रबड़ का खिलौना समझा जाता है।
हम उस देश में रहते हैं जहां लक्ष्मीबाई दुर्गावती जैसी वीरांगनाओं की वीरता के किस्सो को सुनाया जाता है ,
और आज उसी देश में बेटियों को पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता है ।
हम उस देश में रहते हैं जहां भगत सिंह जैसे कई शहीदों द्वारा देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया जाता है ,
और आज उसी देश में हर दूसरे दिन कुछ दरिंदो द्वारा निर्भया कांड जैसे मामलों को अंजाम दिया जाता है ।
हम उस देश में रहते हैं जहां औरत को देवी का दर्जा दिया जाता है,
और आज उसी देश में औरत को खुलेआम गलत इरादों के साथ अपमानित किया जाता है।
हम उस देश में रहते हैं जहां आजादी का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है ,
और आज उसी देश में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार का आरोप उनके चरित्र पर लगाया जाता है।
हम उस देश में रहते हैं जहां इंदिरा गांधी की सोच का पूरे विश्व में लोहा माना जाता है,
और आज उसी देश में महिलाओं की सोच को उनके कपड़ों के आधार पर मापा जाता है।
हम उस देश में रहते हैं जहां अहिंसा के पुजारी को राष्ट्रपिता कहा जाता है ,
और आज उसी देश में महिलाओं पर हो रही हिंसा को उनकी तकदीर पर लगा नाम दिया जाता है।
प्रियंका यादव