अब मुझे अपनी मंजिल को पाना ही होगा
किसी शौक तो किसी चाहत को भुलाना ही होगा
देखा था जो ख्वाब कुछ पाने का
अब उसे हकीकत बनाना ही होगा

आज पहचानी है अपनी मंजिल की कीमत
अब उस कीमत को चुकाना ही होगा
अपने लिए और अपनों के लिए
अब मुझे कुछ कर दिखाना ही होगा

किसी को गलत ,तो किसी को सही साबित करना ही होगा
जिसके लिए खुद में वो विश्वास कायम रखना ही होगा
जो मंजिल लग रही थी नामुमकिन
अब उसे मुमकिन बनाना ही होगा

अपने वर्तमान को इतिहास के पन्नों पर उतारने के लिए
अब उसे कलाम को उठाना ही होगा
जो सुनहरे पन्ने अब तक थे खाली
अब उन्हें संघर्ष भरे शब्दों से सजाना ही होगा

जिसने अपने दिल से धड़कन को इतनी दूर भेजा
आज उनकी शान और आज के लिए
उस दर्द को प्यार और रुतबा दिलाना ही होगा
अब मुझे अपनी मंजिल को पाना ही होगा

                                                                    प्रियंका यादव

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